प्रीती तिवारी
रायबरेली।झूठे-झूठे वादे करके देश को गर्त में धकेलने वाले नरेंद्र मोदी जी अब देश को और कहां ले जाएंगे? हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे, बीएसएनल जैसे प्रतिष्ठानों को अपने ख़रबपति मित्रों के हाथों में सौंपने वाली यह सरकार विकास का ढिंढोरा पीटती है। राजीव गांधी जी ने यहां सड़कों का जाल बिछाया, छतोह ब्लॉक बनाया, मट्टन नाले पर पुल बनाया और ऊसर सुधार योजना लाकर रेहू मिट्टी फूलने वाली जमीन को खेती लायक बनाया। ये उद्गार राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अमेठी संसदीय क्षेत्र के छतोह ब्लॉक में संडहा गांव की एक जनसभा में व्यक्त किए।
भारी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीएचईएल, एचएएल, त्रिशुंडी बॉटलिंग प्लांट, इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी, निफ्ट, फैशन टेक्नोलॉजी जैसे सैकड़ों संस्थान खोलकर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया और 2 करोड़ जवानों को रोजगार देने का वादा करने वाले लोग 10 वर्षों में युवाओं को रोजगार नहीं दे सके उल्टे तुगलकी फरमान से नोटबंदी लागू करके देश के व्यापार को चौपट कर दिया। यह सरकार किताबों, कापियों जैसी पढ़ाई लिखाई की वस्तुओं पर भी जीएसटी लगाकर पढ़ाई तक महंगी कर दी। और तो और कफन के कपड़े तक पर यह सरकार जीएसटी वसूलती है।
आज लोकतन्त्र खतरे में है, सत्ता में बैठे लोग संविधान बदलने की बात करते हैं। महात्मा गांधी, पण्डित नेहरू, इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे महान लोगों को गालियां देते हैं।
अगर देश को बचाना है तो कांग्रेस की सरकार लानी होगी। 20 मई को जब मतदान करने जाएं तो युवाओं के रोज़गार के लिए, बहन बेटियों की आबरू बचाने के लिए, किसानों को एमएसपी दिलाने के लिए, सांप्रदायिक विद्वेष से देश को बचाने के लिए, कुल मिलाकर देश को सुरक्षित हाथों में सौंपने के लिए पंजे की बटन दबाकर किशोरी लाल शर्मा जी को भारी मतों से विजई बनाएं।
देश के लाडले राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाकर ही हम विश्वगुरु बन सकते हैं, किसी झूठे तानाशाह के हाथों में देश की बागडोर देना अपनी अस्मिता को खतरे में डालना है।
नुक्कड़ सभा में विधायक विवेक बंसल, सुहैल अख्तर अंसारी, पूर्व विधायक,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टी.एन. त्रिपाठी,जिला सचिव राजीव द्विवेदी, विष्णु कांत मिश्र, अशोक श्रीवास्तव, जगदीश नारायण उपाध्याय,सतीश द्विवेदी, कामता प्रसाद उपाध्याय, राम नरायन यादव, मुख्तार अहमद, विनोद कुमार शर्मा,सपा नेता पुजारी यादव, शिव प्रसाद शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।