Saturday , October 5 2024
Breaking News

जिला अस्पताल में ईलाज से पहले रहे सतर्क फैली अव्यवस्थाओं को लेकर किया सवाल तो सीएमएस की तानाशाही आपको भेज देगी पुलिस चौकी

प्रीती तिवारी

रायबरेली । जी हां जाए बरेली की 10 साल में कुछ ऐसा ही चल रहा है कि यदि आपने अस्पताल की शिकायत की तो हो सकता है कि आपको थाना पुलिस की कार्यवाही झेलनी पड़ जाए। जिला अस्पताल में यदि आप इलाज करने जा रहे हैं तो वहां पर होने वाली किसी किसी प्रकार की होने वाली असुविधाओं, दलाली, कमीशन खोरी पर यदि आपने आवाज उठाई तो हो सकता है आपको वही के निकट बनी चौकी में अग्रिम कार्रवाई के लिए तैयार रहना पड़ेगा। क्योंकि अस्पताल और अस्पताल के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए चौकी अस्पताल परिसर में बना दी गई है। जिसकी लोगों उस समय सराहना भी की थी की अब अस्पताल के दलालों चोरों से छुटकारा मिलेगा। लेकिन अब यही चौकी अस्पताल आने वाले तीमारदारों और मरीज के लिए कारागार बनती जा रही है । क्योंकि जब अस्पताल में फैली अवस्थाओं के बारे में सवाल उठाया जाता है तो या तो डॉक्टर या खुद सीएमएस पुलिस चौकी में बंद करने की धमकी देकर शिकायतकर्ता को भगा देते हैं । यहां तक की उनसे जब पूछा जाता है कि आपका डॉक्टर समय पर क्यों नहीं आते हैं तो वह मरीज से या उनके तीमारदारों से यह भी कहने से नहीं चूकते हैं कि यह व्यक्ति शराब के नशे में है और इसको तत्काल पुलिस के हवाले कर दो। लेकिन जब वही मरीज या उसके तीमारदार कहते हैं कि डॉक्टर साहब आप खुद मेरा मेडिकल करवाइए और दिखाइए कि मैंने कितनी शराब पी है तो सीएमएस साहब अपना पलड़ा झाड़ते हुए किनारा काट लेते है । लेकिन अपने मरीज का इलाज कराने आए तीमारदार कहां तक अपने मरीज को छोड़कर सीएमएस की इस मानहानि का जवाब दे। इसी को देखकर वह चुप हो जाते हैं जिसका नतीजा है कि सीएमएस महेंद्र मौर्य ने जिला अस्पताल में एक तानाशाही रवैया अपना लिया है कि कोई भी व्यक्ति यदि उनके पास अस्पताल के बारे में कोई शिकायत करने आता है तो वह सीधे-सीधे थाना पुलिस के कार्यवाही का जिम्मेदार बनेगा। जिसका नतीजा है कि जिला अस्पताल में कमीशनखोरी दवाओ की दलाली, खून जांच में कमीशन और यहां तक की मरीज को दिखाने में भी कमीशन खोरी अस्पताल के अंदर धडल्ले से चल रही है । लेकिन रोकने वाले से यदि इस बारे में कहा जाता है तो वह खुद कहता है कि मैं अभी आपको पुलिस के हवाले कर दूंगा। वही आपको बताएगी कि अस्पताल में क्या गलत और क्या सही हो रहा है । तो क्या अब अस्पताल में इलाज करने से पहले मरीज और तीमारदारों को पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अपने जमानत पत्र और जमानत नामा या वकील को साथ में लेकर इलाज के लिए जाना पड़ेगा। सीएमएस के कृत्य से तो कुछ ऐसा ही जाहिर होता है। शायद भाजपा सरकार में यही बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page