प्रीती तिवारी
रायबरेली। मानवता आज भी जिंदा है। कहते है ईश्वर खोजने से नही मिलता है बल्कि आपके और हमारे बीच में ही कही न कही किसी रूप में मिल जाता है। कुछ ऐसा ही हाल आज एक बच्ची ज्योति पुत्री रामू कमल की जान बचाने के लिए जब नारी शक्ति वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष रेनू सिंह ने अपने संगठन की महिला नीतू प्रजापति को फोन किया की भीषण गर्मी में एक बच्ची को मात्र 2% हिमोग्लोबिन है । कभी भी उसकी मौत हो सकती है। इस सूचना पर नीतू प्रजापति ने बच्ची के लिय खुद रक्तदान करने का विचार बनाया। अपने बेटे हर्ष प्रजापति को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। बच्ची की हालत देखकर मां और उनके साथ है बेटे हर्ष को रहा नहीं गया और उसने भी पहली बार रक्तदान करने और उसे बच्ची को अपना खून देने की ठान ली। बस फिर क्या था दोनों मां बेटे अस्पताल पहुंचे और उसे बच्ची के लिए अपना रक्तदान किया। कहते हैं कि रक्तदान से भी बड़ा कोई दान नहीं है । इसीलिए इसे महादान भी कहा जाता है । इस बारे में जब मां नीतू प्रजापति से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह चाहती थी कि उनका बेटा फौज में जाए परंतु वहां ना जा सका। आज जब उसने खून दिया तो उन्हें लगा कि मेरा बेटा आज किसी की जान बचाने के काम तो आ रहा है। जिसका उन्हे गर्व है। फिलहाल आज भी बच्ची का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है । लेकिन उसके पिता ने नारी शक्ति वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष रेनू सिंह और मां बेटे का दिल से धन्यवाद दिया है जिन्होंने इस मुसीबत की घड़ी पर उनके साथ दिया।