प्रीती तिवारी
रायबरेली । आए दिन सुर्खियों में रहने वाले जिला चिकित्सालय रायबरेली की इमरजेंसी में तैनात चीज फार्मासिस्ट बी एन सिंह के आगे स्वास्थ महकमा बिल्कुल नतमस्तक दिखाई दे रहा है। पिछले साल नवंबर महीने में इनके खिलाफ एक शिकायती पत्र मंडलायुक्त रोशन जैकब व प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला को दिया गया था जिस पर तत्काल मंडलायुक्त रोशन जैकब व प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने सीएमओ को जांच कर कठोर कार्यवाही करने को कहा था पर स्वास्थ विभाग ने उस पत्र को ही अभी तक दबा कर बैठा है। यही नहीं छह महीने बीत जाने के बाद भी न आख्या दी और न कार्यवाही की गई। शिकायती पत्र में चीफ फार्मासिस्ट
के तमाम करतूत को उजागर करते हुए बहुत कुछ लिखा गया था और साक्ष्य भी दिए गए थे । जिसमें सूत्रों के हवाले से बताते है की लिखा था की फार्मासिस्ट की ड्यूटी ब्लड बैंक में है परंतु धन के बल पर यह इमरजेंसी में रोजाना ड्यूटी लगवाते हैं और अधिकतर रात्रि में ड्यूटी लगवा कर मरीजों से अभद्रता करना इनका काम हो गया है । पत्र में सूत्रों की माने तो नशे की हालत में ड्यूटी करना उनका स्वभाव बन गया है कभी किसी से सही से बात नहीं करना हमेशा मुंह में पूड़ीया दबाकर इमरजेंसी के अंदर रूम में शराब का सेवन करके व लगभग रोजाना ड्यूटी लगवा कर मरीजों से धन उगाही करना इनका काम बन गयाहै खुद कुस्सी पर बैठकर अपना काम स्वीपर से कराना यह इनका काम बन गया है जिसमें मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी कुछ नहीं कहते रोजाना इमरजेंसी में ड़यूटी के दौरान शिकायतों का अंबार लगा रहता है एवं इनकी कार्यशैली से सभी प्रभावित हैं पर मुख्य चिकित्साअधीक्षक जो अपने आपको एक ईमानदार सीएमएस के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं और जिलाचिकित्सालय को बेहतर बनाने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर से सीएमएस साहब चीफ फार्मासिस्ट बी एन सिंह पर अपनी कृपा बनाए हुए हैं लोग बताते हैं कि यह एमरजेंसी ड्यूटी के दौरान नशे में रहते हैं और सही से बात नहीं करते और इनकी ड्यूटी भी ब्लड बैंक लगी हुई है पर सांठ गांठ करके अपनी ड्यूटी इमरजेंसी में रोजाना लगवाते है क्योंकि धन उगाही की जा सके । सूत्रों की माने तो इन्होंने अपने कुछ लोगों को मैंनेज करने के लिए रख रखा है कि इनके ऊपर कोई बात आए तो वह लोग मैंनेज करने के लिए अधिकारियों से इनके बारे में बात कर सकें जिसके लिए चीफ फर्मेंसिस्ट साहब उनको अच्छी खासी मोटी रकम भी देते हैं।अधिकारी की बात ना मानकर अपने मनमाने ढंग से इलाज करके मरीजों से सही से बात न करना इनका पेशा बन गया है क्या सीएमएस साहब इन पर कोई कार्यवाही करेंगे या फिर अपने आप को सच्चाई की मूर्ति ईमानदार व्यक्ति मानने वाले जिला चिकित्सालय को आदर्श चिकित्सालय बनाने के लिए प्रयासरत सीएमएस साहब केवल बातें करेंगे और कार्यवाही के नाम पर केवल सभी को आश्वाशन देते रहेंगे