प्रीती तिवारी
रायबरेली__ जिले में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी बद से बत्तर है जिसका कोई तोड़ नही हैं स्वास्थ्य महकमें के बड़े-बड़े आला अफसर भी कमीशन खोरी और लाभ के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। जिसके चलते जिला चिकित्सालय में भी कमीशनखोरी का खुल्ला खेल खेला जा रहा है। अस्पताल में आने वाले पीड़ितों को जमकर बाहर की दवाइयां लिखी जा रही है। पीड़ितों की मजबूरियो का फायदा उठाकर अस्पताल में तैनात चिकित्सक न सिर्फ अपना साथ ही साथ मेडिकल स्टोर संचालक और फार्मा कंपनियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं। चिकित्सालय में तैनात कई नामचीन चिकित्सक ऐसे है जिनके दामन पर आए दिन भ्रष्टाचार के धब्बे लग रहे है। लेकिन अब तक न तो कोई भी उन चिकित्सकों की मनमानी को रोकने में कामयाब हो पाया है। और ना ही कमीशनखोरी पर लगाम लगी है पूर्व सीएमएस महेंद्र मौर्य ने भी खूब जोर आजमाइश की लेकिन इन पकड़ वाले चिकित्सकों के भ्रष्टाचारी इरादों पर लगाम नही लगा पाएं। लेकिन जिला चिकित्सालय की बड़ी कुर्सी में फेरबदल होने के बाद इस बात के दावे किए जा रहे है कि व्यवस्थाओं को मजबूत बनाया जायेगा और ये दावे नए सीएमएस प्रदीप अग्रवाल के द्वारा किए जा रहे है लेकिन सीएमएस साहब के लिए इन दावों पर खरा उतरना बहुत मुश्किल दिखाई दे रहा है क्योंकि कमीशनखोरी के खेल को खेलने वाले कई चिकित्सक सीएमएस प्रदीप अग्रवाल के करीबी है। इतना ही नहीं कई चिकित्सक हाल ही में सीएमएम बने प्रदीप अग्रवाल के साथ लंबे समय तक कार्य कर चुके है ऐसे में अपने ही साथियों को अनुशासन की पाटी पढ़ाना सीएमएस प्रदीप अग्रवाल के लिए बेहद मुश्किल भरा होने वाला है। फिल्हाल देखना ये है कि हाल ही में सीएमएस की कमान संभालने वाले जनाब क्या अपने वादों पर खरा उतरकर अस्पताल में हो रही कमीशनखोरी और मंहगी दवाइयों के व्यापार पर लगाम लगा पाएंगे या फिर सीएमएस प्रदीप अग्रवाल के लिए उनके ही साथी मुश्किलों का सबब बन जायेंगे
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