“पुलिस बल का ऐसा शर्मनाक रवैया और एक पत्रकार को राष्ट्रीय सरोकार के मामले को कवर करने से रोकने का यह क़दम, वो भी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर, बेहद परेशान करने वाला और अस्वीकार्य है।”
डिजिपब (DIGIPUB) न्यूज़ इंडिया फाउंडेशन ने, स्वतंत्र पत्रकार और डिजिपब की सदस्य साक्षी जोशी के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा की गई बदसुलूकी की सख़्त निंदा की।
कैमरे में क़ैद ये पूरी घटना 3-4 मई की रात की है जब साक्षी दिल्ली के जंतर-मंतर पर, भारतीय महिला पहलवानों के प्रोटेस्ट को कवर करने के लिए गईं थीं।
आधी रात में पहलवानों पर हमला
मुझे हिरासत में लिया, धक्के मारे , कपड़े फाड़े , कैमरा छीनाये है @narendramodi की @DelhiPolice pic.twitter.com/aL5jzKBOWN
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) May 3, 2023
आपको बता दें भारतीय महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है जिसे लेकर पहलवान लंबे वक़्त से प्रोटेस्ट कर रहे हैं। 3-4 मई की देर रात में पहलवानों ने दिल्ली पुलिस पर बदसुलूकी आरोप लगाया। विरोध स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। इसी घटनाक्रम को कवर करने के लिए साक्षी भी जंतर-मंतर पहुंची थीं।
एक वीडियो में साक्षी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें रिपोर्टिंग करने से रोका, उनका फोन और कैमरा छीन लिया और महिला कांस्टेबलों ने उनके कपड़े फाड़ दिए और उन्हें एक बस में धकेल दिया। दिल्ली पुलिस को बताना चाहिए कि वे किस कानून के तहत एक रिपोर्टर को रिपोर्टिंग करने से रोक सकते हैं।
सुन लीजिए @narendramodi @AmitShah
न डरूँगी, न झुकूँगी, न चुप बैठूँगी
मोदी -शाह को मेरा खुला ख़त , ओपन वीडियो #WrestlersProtest pic.twitter.com/qAan2wwow2— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) May 4, 2023
दिल्ली पुलिस कमिशनर के पास दर्ज कराई गई एक शिकायत में जोशी ने कहा कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी महिला की गिरफ़्तारी पर रोक लगाए जाने के कानून बावजूद, उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन पर रात 2 बजे उतारने से पहले 10 मिनट के लिए बस में बैठाया गया। उन्हें सुनसान सड़क पर छोड़ दिया गया और घर जाने के लिया कहा गया। क्या यह कानून का उल्लंघन नहीं है?
शुक्रवार, 5 मई को जारी एक बयान में डिजिपब न्यूज़ इंडिया फाउंडेशन ने दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई अनुचित बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। अपने बयान में डिजिपब की ओर से कहा गया, “पुलिस बल का ऐसा शर्मनाक रवैया और एक पत्रकार को राष्ट्रीय सरोकार के मामले को कवर करने से रोकने का यह क़दम, वह भी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर, बेहद परेशान करने वाला और अस्वीकार्य है, दिल्ली पुलिस को इस पर तेज़ी से ध्यान देने और एड्रेस करने की ज़रूरत है।”