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काम की खबर: पालतू कुत्तों से फैल रहा अस्थमा! आप भी तो नहीं कर रहे यह गलती

रिपोर्ट: हरिकांत शर्मा

आगरा. लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अडल्ट लोगों की 2 % आबादी अस्थमा से संक्रमित है. वहीं, कुछ शहरों में 5% तो कुछ शहरों में 18% बच्चे अस्थमा से संक्रमित हैं. आगरा शहर की बात की जाए तो आगरा में 7% लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं. हर साल पूरे विश्व में ढाई लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के टीवी एंड चेस्ट रोग विभाग में लोगों को जागरूक करने के लिए अस्थमा रोग पर सेमिनार का आयोजन हुआ. इसमें मरीजों को जरूरी जानकारी मुहैया कराई गई.

ऐसे फैलता है अस्थमा

आपके शहर से (आगरा)

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश

एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के हेड डॉ. गजेंद्र सिंह बताते हैं कि सांस की नालियों में सूजन आने की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती हैं और यह दिक्कत धीरे-धीरे अस्थमा रोग में बदल जाती है. इसके सामान्य से लक्षण हैं. जब सांस की नली सुकड़ जाएं और उन में सूजन आ जाए या फिर मरीज ट्रगर के संपर्क में आता है, जैसे धूल धुआं, वातावरण में परिवर्तन, पौधों का प्रकरण, जानवरों से, साथ ही सबसे मुख्य लक्षण सीने में रात के समय जकड़न, थकान यह सभी लक्षण अस्थमा के हैं. डॉक्टर इसे डायग्नोसिस के जरिए तुरंत पहचान लेते हैं. साथ ही यह बीमारी मेडिकल हिस्ट्री, चेस्ट x-ray ,स्पायरोमेट्री टेस्ट से आसानी से पकड़ में आ जाती है.

अस्थमा से बचने के अपनाएं ये उपाय

टीबी एंड चेस्ट रोग विभाग के HOD, डॉक्टर गजेंद्र सिंह ने बताया कि आमतौर पर इन्हेल्ड स्ट्रॉयड और अन्य एंटी इम्फ्लमेंटरी दवाएं अस्थमा के लिए अत्यंत प्रभावी दवाएं हैं. इनहेलर्स से दवा सीधे फेफड़ों में पहुंचती है और अत्यंत कम दवा की मात्रा की जरूरत पड़ती है. इसीलिए अस्थमा के उपचार के लिए इनहेलेशन थेरेपी को सबसे सुरक्षित असरदार और बेहतरीन माना गया है.अस्थमा से बचाव के लिए मरीज को बारिश, सर्दी, धूल भरी आंधी, ज्यादा गर्म और नम वातावरण से बचना चाहिए. धूल मिट्टी और प्रदूषण से बचना चाहिए. घर से बाहर निकलने पर मास्क को साथ रखें और धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों से दूर रहें.

 कुत्तों से भी फैल रहा अस्थमा

अगर आपको भी कुत्ते पालने का बेहद शौक है तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. अस्थमा कुत्तों की वजह से भी फैलता है. इसलिए अगर आप कुत्तों के साथ ज्यादा रहते हैं या फिर सोते वक्त कुत्तों को अपने कमरे में साथ सुलाते हैं या फिर रात के वक्त सोते समय कुत्ते को उसी कमरे में रखते हैं, जिस कमरे में आप सो रहे होते हैं, यह सबसे घातक है. इससे भी अस्थमा होता है.

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Tags: Agra news, Latest hindi news, UP news

FIRST PUBLISHED : May 03, 2023, 17:13 IST

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