प्रीती तिवारी
रायबरेली। हिन्दी साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध कहानीकार और उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती पर बाबू परमेश्वरी दयाल स्मारक सेवा समिति एवम् इदारा – ए – अहबाब के संयुक्त तत्वावधान में स्वराज नगर गुलाब रोड स्थित केo एनo लान में आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता कृष्णानंद श्रीवास्तव अदीब ने किया,और संचालन गुलाम हैदर सिद्दीकी ने किया विशिष्ट अतिथि के रुप में मंच पर राष्ट्रीय हिन्दी भाषा सलाहकार डॉ संतलाल तथा जनाब माजीद निसार आशती रहे
हिंदी भाषा सलाहकार डॉ संतलाल ने कहा मुंशी प्रेमचंद को जो लोग खारिज करने में जुटे हैं मुंशी प्रेमचन्द ऐसा वट वृक्ष है जिसे समाज कभी ख़ारिज नहीं कर सकता जब तक शोषण व्याप्त है मुंशी प्रेमचन्द हमारे बीच में जीवित रहेगें।
नज़र राय बरेलवी कहते हैं “कौन कहता है कि मर गए मुंशी,सबके दिल में उतर गए मुंशी” ।प्रदीप मौर्य प्यारे ने तंज करते हुए कहा कि जब तक समाज में ऊंच नीच ,अमीरी गरीबी,किसान स्त्री विसंगति और आर्थिक असमानता की जड़े फैलती रहेंगी तब तक प्रेमचन्द जैसे युगनिर्माता जन्म लेते रहेगें।
कार्यक्रम में उपस्थिति रहें हाजी हिदायततुल्ला शौक,गुलाम हैदर सिद्दीकी,गुलाम अहमद सिद्दीकी ,अकबर खान ,अज़ीज़ हसन सुदामा ,रमजान अली सफीर ,हफीज अमेठवी ,कृष्ण कुमार अवस्थी श्याम,नज़र रायबरेलवी ,जय चक्रवती ,हाजी शमशुद्दीन अज़हर ,रमाकांत यादव,दानिश रायबरेलवी और बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थिति होकर सभी ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया। अंत में अध्यक्ष के वक्तव्य पर कार्यक्रम को अगले प्रोग्राम तक के लिए स्थगित घोषित किया गया। जनरल सेक्रेटरी के द्वारा सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।