महाराजगंज। कहते हैं की पत्नी अपने पति के हर कर्म संस्कार और कुकर्म पर अपनी यथाशक्ति के बल पर पर्दा डालने की कोशिश करती है या फिर उसे सही रास्ते पर लाने का प्रयास करती है । लेकिन जो पत्नी अपने पति के कर्मों में भी उसका साथ दे तो कहीं ना कहीं वह भी उतनी ही दोषी पाई जाती है क्योंकि एक महिला के पति ने जिस तरह विदेश में रहने वाले लोगों को ठगने का कुचक्र रचा है और उसके बाद जब थाना पुलिस की नौबत आई तो हिंदुस्तान में तो पत्नी आगे जाकर उस पर पर्दा डाल कर अपने पति को बचाने का प्रयास करने लगी और जब मामला नहीं बना तो खुद अपने पति के संरक्षण में विदेश भागने के प्रयास में लग गई। चलें कि बोदना के निवासी निजामुद्दीन अंसारी जिसने अपने ही जिले के रहने वाले प्रमोद कुमार को विदेश में ही ठग लिया। प्रमोद कुमार अपनी रोजी-रोटी की तलाश में खाड़ी देश में गया था जहां पर पहले को उसे रोजगार नहीं मिला और उसके साथ-साथ उसका वीजा भी समाप्त होने लगा। बीजा समाप्त होने के कारण जहां प्रमोद परेशान रहने लगा वही विदेश में उसकी मुलाकात निजामुद्दीन अंसारी से हो गई और यही मुलाकात में देश का नाम विदेश में भी शर्मसार कर दिया। बताते हैं कि प्रमोद कुमार को रोजगार दिलाने और वीजा में समय बढ़ाने के नाम पर निजामुद्दीन अंसारी में उसे मोटी रकम ऐंठ ली। यही नहीं अपने गांव घर से प्रमोद कुमार ने पैसा मांगकर उसने निजामुद्दीन को दें भी दिया। लेकिन इसके बाद भी प्रमोद को न रोजगार ही मिला ना ही उसके बीजे की डेट ही बढ़ पाई । मजबूरी में प्रमोद वापस हिंदुस्तान लौट आया। यहां पर आने के बाद जब उसने निजामुद्दीन अंसारी के घर वालों से संपर्क कर उन्हे सारी हकीकत से अवगत कराया और कानूनी कार्रवाई की बात की । तो इस दौरान निजामुद्दीन अंसारी की पत्नी सामने आई और समय मांगा की हम पैसा वापस करवा देंगे। लेकिन कहते हैं ना की एक मछली पूरा तालाब को गंदा कर देती है। तो फिर उसका पानी जिन घरों में जाता है वह घर कैसे साफ रह सकता है । यही हाल निजामुद्दीन की पत्नी जो जोबीदा खातून ने भी अपनाया और पति पत्नी ने सांठ गांठ करके विदेश भागने का कार्यक्रम भी तय कर लिया। पीड़ित के अनुसार निजामुद्दीन ने पत्नी का भी पासपोर्ट बनवा लिया है और किसी भी समय उस पासपोर्ट के माध्यम से हिंदुस्तान छोड़कर भाग सकती है। जिससे उसका पैसा भी नहीं मिल पाएगा। प्रमोद कुमार ने भारत सरकार भारतीय दूतावास से निजामुद्दीन की पत्नी को किसी भी हाल में देश छोड़कर बाहर जाने की अनुमति न दिए जाने की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि इस तरह तो अपराधी देश छोड़कर भाग जाएंगे तो उन्हें न्याय कैसे मिलेगा ? न्याय की प्रक्रिया भी आरोपी के विदेश जाने के बाद जटिल हो जाएगी तो फिर एक गरीब आदमी कैसे अपने हक के लिए लड़ पाएगा। जब उसको लूटने वाला व्यक्ति विदेश में जाकर बैठ जाएगा। वहीं अब मोहम्मद निजामुद्दीन अंसारी को फाउंडेशन का सदस्य बने पर प्रमोद का कहना है कि एक तरफ तो यह व्यक्ति लगातार ठगी कर रहा है दूसरी तरफ अपनी पहुंच को भी मजबूत कर रहा है कि जिससे कि गरीब व्यक्ति अपनी शिकायत उसके रौब के आगे कहीं दर्ज ना कर सके।
शेलेजा विक्रम