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नगर पालिका रायबरेली में भूतो से लगती है हाजिरी,मरने के बाद भी सात माह तक वेतन

सन्दीप मिश्रा

रायबरेली। नगर पालिका परिषद रायबरेली की विचित्र विचित्र कहानी सामने आ रही हैं। एक ऐसा मामला सामने आया है इसे देखकर कहा जा सकता है कि नगर पालिका परिषद में उनका द्वारा भी हाजिर लगवा ली जाती है। एक तरफ जहां बैकलाग कर्मचारियों को नगर पालिका उनके मूल पद पर काम नहीं करवा पा रही है। जिससे कि लगभग 45 कर्मचारी पालिका में मनमानी ढंग से मनमाना काम कर रहे हैं ।वहीं दूसरी तरफ नगर पालिका परिषद अपने कार्यरत महिला कर्मचारी मृत्यु के बाद भी 7 महीने तक उसके खाते में वेतन भेजता रहा और यह करतूत उसकी 7 महीने तक लगातार चलती ही रही । जबकि मृतका के परिजनों का कहना है कि उन्होंने मौत के बाद ही लिखित तौर पर नगर पालिका परिषद को अवगत करा दिया था कि कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है। बताते चले की नगर पालिका की महिला कर्मचारी आशा पत्नी गणेश की 24 मार्च 2022 में लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई थी। जिस पर मृतका के पुत्र नरेश कुमार ,राकेश कुमार, सुरेश कुमार ने लिखित तौर पर अवगत कराया था कि उनकी माता जी की मृत्यु हो गई है और उनके समस्त देयको का भुगतान कर दिया जाए। विभाग ने मृतका के बकाया के भुगतान को तो नहीं सुना। लेकिन उसके खाते में 7 महीने तक लगातार वेतन जरूर भेजता रहा । मजेदार बात यह है कि विभाग का नियम है कि समस्त सफाई कर्मचारी अपने कार्य स्थल पर हाजिरी लगवाएंगे। जिससे उनकी उपस्थिति देखकर वेतन दिया जाएगा। लेकिन इस मामले में देखा जाए तो जब कर्मी आशा की मार्च में ही मौत हो गई थी तो कैसे 7 महीने तक उसकी हाजिरी लगती रही और कैसे उसके बैंक खाते में वेतन पहुंचता रहा । जब परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई की अभी तक किसी भी प्रकार का उनके बकाया देयकों का भुगतान नहीं हुआ है तो उल्टा एक आदेश भी दे दिया गया है की इस दिए गए सात माह के वेतन की वसूली भी बकाया देयकों से की जाएगी। लेकिन जिस तरह बैकलाश के कर्मचारी मनमानी जगह पर काम करके अपनी हाजिर लगवाकर वेतन उठाते चले आ रहे हैं इससे तो लगता है कि मृतका आशा की तरह विभाग अपने कर्मचारियों का वेतन बनाने और बैंक भेजने में बड़ा घोटाला कर रहा है। इस तरह के मामले से तो साफ लगता है कि नगर पालिका परिषद में वेतन, हाजिरी और मूल पद पर काम करने को लेकर बहुत बड़ा घोटाला चल रहा है । यही कारण है कि मरने के बाद भी कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में पहुंच जाता है और जिंदा कर्मचारी अपनी जगह पर काम ना करके भी वेतन पा लेते हैं। लगातार न्यूज़ चैनल नगर पालिका परिषद में फैले भ्रष्टाचार की परते एक-एक करके खोल रहा है और इन सब के बाद भी जिला प्रशासन, नगर पालिका प्रशासन अपनी जवाब देही से बचता चला आ रहा है । क्योंकि उसे भी पता है कि उसका विभाग खुद गले तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।

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