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विदेश में हजारों लूटने वाला निजामुद्दीन अंसारी बना मदर टेरेसा फाउंडेशन का जिला सचिव

 

महाराजगंज। मदर टेरेसा ने अपनी पूरी जीवन लोगों की सहायता सेवा मदद में अर्पित कर दिया। उन्होंने मानव जीवन सेवा को सबसे बड़ी सेवा बताई और आज उन्हीं के कदमों पर चलकर संस्था पूरे विश्व में शांति का संदेश दे रही है । लेकिन मुसीबत के समय में ही अपने को लूटने उनके साथ जालसाजी करना उन्हें विदेश में छोड़कर भाग जाना और वह भी उसे व्यक्ति को जो विदेश में उसके ही गांव घर जिले का रहने वाला है तो क्या ऐसे व्यक्ति को मदर टेरेसा फाउंडेशन का जिला सचिव बनाना कहां तक उचित होगा यह तो कमेटी और फाउंडेशन के सदस्य ही बता सकते हैं। लेकिन जिस व्यक्ति के ऊपर वही के थानों में फ्रॉड करने के पैसे का गबन करने के मामले दर्ज हो और उसको इस तरह की महान हस्तियों के नाम से जोड़ा जाना कहीं ना कहीं उन हस्तियों की आत्माओं को भी शर्मसार करेगा । मदर टेरेसा फाउंडेशन ने महाराजगंज में मोहम्मद निजामुद्दीन अंसारी पुत्र ताहिर अली अंसारी ग्राम पटना पोस्ट पटना थाना ठूठीबारी महाराजगंज को फाउंडेशन ने जिला सचिव नियुक्त किया है। इसी के बाद से यह चर्चा का विषय बना है कि फाउंडेशन क्या फ्रॉड करने और अपनों को धोखा देने वालों को अपना संरक्षण दे रहा है । नहीं तो क्या वजह है कि निजामुद्दीन अंसारी जिन्होंने विदेश में अपने ही गांव के व्यक्ति को ठग लिया और उसे व्यक्ति ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। परंतु अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही थाने से तो नहीं हुई। लेकिन फाउंडेशन ने आरोपी निजामुद्दीन अंसारी को जिला सचिव के पद पर मनोनीत कर दिया। बताते चलें कि बोदना के निवासी निजामुद्दीन अंसारी जिसने अपने ही जिले के रहने वाले प्रमोद कुमार को विदेश में ही ठग लिया। प्रमोद कुमार अपनी रोजी-रोटी की तलाश में खाड़ी देश में गया था जहां पर पहले को उसे रोजगार नहीं मिला और उसके साथ-साथ उसका वीजा भी समाप्त होने लगा। बीजा समाप्त होने के कारण जहां प्रमोद परेशान रहने लगा वही विदेश में उसकी मुलाकात निजामुद्दीन अंसारी से हो गई और यही मुलाकात में देश का नाम विदेश में भी शर्मसार कर दिया। बताते हैं कि प्रमोद कुमार को रोजगार दिलाने और वीजा में समय बढ़ाने के नाम पर निजामुद्दीन अंसारी में उसे मोटी रकम ऐंठ ली। यही नहीं अपने गांव घर से प्रमोद कुमार ने पैसा मांगकर उसने निजामुद्दीन को दें भी दिया। लेकिन इसके बाद भी प्रमोद को न रोजगार ही मिला ना ही उसके बीजे की डेट ही बढ़ पाई । मजबूरी में प्रमोद वापस हिंदुस्तान लौट आया। यहां पर आने के बाद जब उसने निजामुद्दीन अंसारी के घर वालों से संपर्क कर उन्हे सारी हकीकत से अवगत कराया और कानूनी कार्रवाई की बात की । तो इस दौरान निजामुद्दीन अंसारी की पत्नी सामने आई और समय मांगा की हम पैसा वापस करवा देंगे। लेकिन कहते हैं ना की एक मछली पूरा तालाब को गंदा कर देती है। तो फिर उसका पानी जिन घरों में जाता है वह घर कैसे साफ रह सकता है । यही हाल निजामुद्दीन की पत्नी जो जोबीदा खातून ने भी अपनाया और पति पत्नी ने सांठ गांठ करके विदेश भागने का कार्यक्रम भी तय कर लिया। पीड़ित के अनुसार निजामुद्दीन ने पत्नी का भी पासपोर्ट बनवा लिया है और किसी भी समय उस पासपोर्ट के माध्यम से हिंदुस्तान छोड़कर भाग सकती है। जिससे उसका पैसा भी नहीं मिल पाएगा। प्रमोद कुमार ने भारत सरकार भारतीय दूतावास से निजामुद्दीन की पत्नी को किसी भी हाल में देश छोड़कर बाहर जाने की अनुमति न दिए जाने की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि इस तरह तो अपराधी देश छोड़कर भाग जाएंगे तो उन्हें न्याय कैसे मिलेगा ? न्याय की प्रक्रिया भी आरोपी के विदेश जाने के बाद जटिल हो जाएगी तो फिर एक गरीब आदमी कैसे अपने हक के लिए लड़ पाएगा। जब उसको लूटने वाला व्यक्ति विदेश में जाकर बैठ जाएगा। वहीं अब मोहम्मद निजामुद्दीन अंसारी को फाउंडेशन का सदस्य बने पर प्रमोद का कहना है कि एक तरफ तो यह व्यक्ति लगातार ठगी कर रहा है दूसरी तरफ अपनी पहुंच को भी मजबूत कर रहा है कि जिससे कि गरीब व्यक्ति अपनी शिकायत उसके रौब के आगे कहीं दर्ज ना कर सके

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