प्रीती तिवारी
पुलिस ने जिस मामले में मुकदमा पंजीकृत कर दिया है और जिस धारा में मामला दर्ज किया है उस धारा में बताया जाता है कि आरोपी को 10 साल की सजा हो सकती है। कानून के जानकारों का कहना है कि इस मामले में तत्काल पुलिस को गिरफ्तार कर आरोपी को संबंधित न्यायालय में भेजना चाहिए ।जिससे कि कानून और नियमों का पालन हो सके लेकिन जिले की पुलिस है कि वह कहती है कि हमारी जब इच्छा होगी हम उसे हिसाब से अपनी कार्यवाही करेंगे । जी हां हम बात कर रहे हैं मिल एरिया थाना क्षेत्र के शक्ति नगर निवासी एक युवती की जिसको प्रेम के जाल में फंसा कर आदित्य धीमान निवासी शक्ति नगर थाना मिले एरिया रायबरेली ने पहले उसे उसके पति से तलाक दिलवाया और 2 साल तक उसका शारीरिक एवं यौन एवम मानसिक शोषण करने के पश्चात लखनऊ की एक अन्य महिला रानी सिंह के साथ अपना संबंध बना लिया । इस मामले की जानकारी होने पर पहले तो महिला ने आदित्य धीमान से शादी की बात शुरू की परंतु हर बार उसे उससे इनकार ही मिलता रहा । जब आदित्य धीमान और उसके घर वालो ने उस पर लांछन लगाकर युवती से साफ-साफ मना कर दिया तो उसने थाने की चौखट पर अपना माथा टेक कर न्याय मांगा ।पुलिस में मामला तो पंजीकृत कर लिया किसमें बीएनएस की धारा 69 की धारा भी आरोपी पर लगाई गई। विद्वान अधिवक्ता अनिल प्रजापति का कहना है की इसमें पुलिस को तत्काल आरोपी को गिरफ्तार करना चाहिए परंतु आज 20 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच पा रही है। बताते हैं कि इस मामले में कुछ नेता टाइप के लोग लक्षण इस मामले को समाप्त करने में लगे हुए हैं । लेकिन पुलिस आखिरकार किसके दबाव में है जो आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय उसे संरक्षण देकर घूमने की इजाजत दे दी है । तो क्या महिला संबंधी अपराधों में पुलिस केवल मुकदमा पंजीकृत करती है और सारा मामला जांच में छोड़ देती है। लगातार महिलाओं के साथ हो रहे अपराध में कहीं ना कहीं यह मामला भी सामने आता है कि पुलिस से तत्काल शिकायत दर्ज कराई गई थी परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। और यह छोटी सी भूल कभी-कभी बड़ी घटनाओं को अंजाम दे देती है । शायद पुलिस इस मामले में भी किसी का इंतजार कर रही है कि किसी तरह बड़ी घटना हो जाए तो इस मामले की समुचित जांच की जाए
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